Tuesday, October 9, 2007



नमस्ते जी मॆं अपको एक गीत भेज रहा हूँ मुझे आशा हे अपको बेहद पसंद आएगा ................

दर्द का ऐहसास
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बहती जल की धारा, कोई रोक नही पाया
क्या जाने वो दर्द कीसी का, जो चोट नही खाया

वीशवास की आंधी मॆं, धोखा तो नही खाया
क्या जाने वो ...........

उतरी नदीया पर्वत से, लोगो बुझाने प्यास
न देना दर्द कीसी को, न रहना खुद उदास

सागर की गहराई, कोई खोज नही पाया
क्या जाने वो ..............

सादर
अिमत सागर

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