राज की बात करते थे जो अजनबी
गहरा उनसे बहुत दोस्ताना हुआ
प्यार की बात में वो किशश न रही
जब से िरश्ता हमारा पुराना हुआ
यकीन िदल को िदलाएं तो कैसे कहें
गम मोह्बत्त का सबसे सुहाना हुआ
दोस्तो की तलाश में िफरते रहे
जब से दुश्मन हमारा जमाना हुआ
तोड़ जाते जो िरश्तों को धागा समझ
उनका सागर क्यूं इतना दीवाना हुआ
Wednesday, February 20, 2008
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